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क्या हम अयोग्य (कृपया अयोग्य का अर्थ सिर्फ संकीर्ण अर्थ में ही ना लें) को ही अपना जनप्रतिनिधि बनाने के लिए अभिशप्त हैं ? यदि नहीं तो मेरे उस शपथ पत्र को मेरे मत के रूप में मान्यता मिलनी ही चाहिए जिसे मैंने चुनाव आयोग को भेजा है. अपने शपथ पत्र में मैंने स्पष्ट रूप से अपना यह व्यक्तिगत मत व्यक्त किया है कि पडरौना (जिला – कुशीनगर, उ.प्र.) विधान सभा क्षेत्र से विधान सभा चुनाव २०१२ लड़ रहा कोई भी प्रत्याशी मुझे विधान सभा सदस्य पद हेतु योग्य नहीं लग रहा है और इसलिए मै सभी को हराने के लिए मतदान करना चाहता हूँ. मैंने चुनाव आयोग से निवेदन किया है कि मेरे शपथ पत्र को मेरे मत के रूप में मान्यता दी जाये और मत गणना में उसे भी गिना जाये !
यह मेरा व्यक्तिगत मत है! लोकतंत्र में सभी के मत को स्थान मिलना चाहिए ! मेरे भी मत को!
नोट- हमारे देश में conduct of elections rule 1961 के नियम 49-O के तहत कोई मतदाता पोलिंग बूथ पर जाकर पीठासीन अधिकारी से मतदान न करने की अपनी इच्छा तो जरुर जाहिर कर सकता है और पीठासीन अधिकारी उसे register में दर्ज भी कर लेता है; लेकिन मतदाताओं की इस तरह की दर्ज इच्छा का चुनाव परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ता !
अभिषेक त्रिपाठी,
शक्ति सदन, दरबार रोड,
पडरौना,
कुशीनगर,
उ.प्र.
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