Menu
blogid : 8785 postid : 3

अयोग्य प्रत्याशियों के खिलाफ मेरा शपथ पत्र के माध्यम से मत!

PARIVARTAN
PARIVARTAN
  • 2 Posts
  • 44 Comments

क्या हम अयोग्य (कृपया अयोग्य का अर्थ सिर्फ संकीर्ण अर्थ में ही ना लें) को ही अपना जनप्रतिनिधि बनाने के लिए अभिशप्त हैं ? यदि नहीं तो मेरे उस शपथ पत्र को मेरे मत के रूप में मान्यता मिलनी ही चाहिए जिसे मैंने चुनाव आयोग को भेजा है. अपने शपथ पत्र में मैंने स्पष्ट रूप से अपना यह व्यक्तिगत मत व्यक्त किया है कि पडरौना (जिला – कुशीनगर, उ.प्र.) विधान सभा क्षेत्र से विधान सभा चुनाव २०१२ लड़ रहा कोई भी प्रत्याशी मुझे विधान सभा सदस्य पद हेतु योग्य नहीं लग रहा है और इसलिए मै सभी को हराने के लिए मतदान करना चाहता हूँ. मैंने चुनाव आयोग से निवेदन किया है कि मेरे शपथ पत्र को मेरे मत के रूप में मान्यता दी जाये और मत गणना में उसे भी गिना जाये !
यह मेरा व्यक्तिगत मत है! लोकतंत्र में सभी के मत को स्थान मिलना चाहिए ! मेरे भी मत को!

विदेशो में जमा काला धन, लोकपाल के मुद्दे पर हमारें  नेताओं  की उदासीनता, कॉमन वेल्थ घोटाला, टू जी स्पेक्ट्रम घोटाला, के जी  बेसिन घोटाला, राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन घोटाला, मनरेगा में धांधली, हमारे क्षेत्र का दूषित जल, इन्सेफेलायटीस के रोकथाम में सरकारी विफलता, किसानों की दुर्दशा, अंधाधुंध बिजली कटौती, भूतपूर्व सांसद/विधायकों की उनके कार्यकाल में दिन दोगुनी रात चौगुनी कमाई (अपवाद  को छोड़कर), जाति, धर्म की गंदी राजनीति, वर्तमान में हमारें क्षेत्र से चुनाव लड़ रहे सभी प्रत्याशियों में देश के लिए, जनता के  लिए कुछ कर गुजरने के जज्बे का अभाव(यह मेंरी निजी राय है) आदि आदि के खिलाफ मेंरा मत-

सभी प्रत्याशियों के खिलाफ शपथ पत्र!

नोट- हमारे देश में conduct of elections rule 1961  के नियम  49-O   के तहत कोई मतदाता पोलिंग बूथ पर जाकर पीठासीन अधिकारी से मतदान न करने की अपनी इच्छा तो जरुर जाहिर कर सकता है और पीठासीन अधिकारी उसे register में  दर्ज भी कर लेता है; लेकिन मतदाताओं की इस तरह की  दर्ज  इच्छा का चुनाव परिणाम पर कोई असर नहीं पड़ता !

अभिषेक त्रिपाठी,
शक्ति सदन, दरबार रोड,
पडरौना,
कुशीनगर,
उ.प्र.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply